Details, Fiction and Neeraj Chopra Biography in Hindi
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नीरज चोपड़ा मिल्खा सिंह, कृष्णा पनिया और विकास गौड़ा के बाद राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले चौथे व्यक्ति हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो की विश्व रैंकिंग में पहला मुकाम हासिल कर लिया है और दुनिया के नंबर वन जैवलिन थ्रोअर बन चुके हैं।
नीरज के पिता का नाम सतीश कुमार और माता का नाम सरोज देवी है।
भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई हरियाणा से ही की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इन्होंने ग्रेजुएशन तक की डिग्री प्राप्त की है। अपनी प्रारंभिक पढ़ाई को पूरा करने के बाद नीरज चोपड़ा ने बीबीए कॉलेज ज्वाइन किया था और वहीं से उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी।
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दूसरे परियोजनाओं में विकिमीडिया कॉमन्स
वह अपने गांव के वरिष्ठ थ्रोअर (जेवलिन थ्रो) को देखकर प्रेरित हुए थे।
बाद में उन्हें पानीपत के एक जिम में दाखिला मिल गया।
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नीरज चोपड़ा ने अपनी इस उपलब्धि को फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह को समर्पित करने का विचार बनाया और अपनी उपलब्धि फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह को समर्पित कर दिए।
खुद को प्रैक्टिस करते हुए उत्सुकता से देखने के कारण जयवीर ने नीरज से भाला फेंकने के लिए कहा । जब नीरज ने भाला फेंका तो उन्हे एहसास हुआ कि वह दूर तक भाला फेंक सकते हैं, और इसी आत्मविश्वास ने उन्हें भाला फेंक एथलीट बना दिया ।
नीरज चोपड़ा को जैवलिन थ्रो के इस खेल में लगभग check here पांच चांस मिले थे, जिसमें ये सभी मैचों में प्रथम स्थान पर बने रहे, परंतु नीरज चोपड़ा का चौथा प्रयास विफल (फाउल) रहा।
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